मार्च 23, 2005

ठंडी मतलब....चाय !!

आजकल जापान में भी वही चाय एकदम प्रसिद्ध और लोकप्रिय होती जा रही है, जो दूध-मसाले वाली इंडिया स्टाइल की है. इसी समय वह हाल इतना तक आ गई कि एक मशहूर बहुराष्ट्रीय कंपनी ने पिछले महीने से अपने उत्पादनों में इंडिया-चाय शामिल किया है.

फिर भी वह तो गरम गरम तो नहीं....ठंडी ठंडी चाय ही....
.....यानी चाय फ़्लेवर आइस्क्रीम..... (120ml/250¥)
गत माह से टी.वी. पर विज्ञापन लगाया गया है, बार बार जो देखके मुझे अजीब सा लगा. सितार व तबला बजते हैं, न जाने क्यों साड़ी पहने हुई गोरी महिला पद्मासन में बैठी है, उसकी आँखें बंद हुई हैं और फिर हाथ में चाय आइसक्रीम लिए आराम करती है.

मशहूर आइस्क्रीम कंपनी "Häagen-Dazs" का ब्रांड यहाँ ऐसा माना जाता है कि दाम महँगा तो पड़ता है लेकिन वही मज़ा किसी दूसरों में कहीं नहीं मिलता. सोचा था कि यह वाला फ़्लेवर भी शायद अच्छा तो होगा मगर....कैसा...!?

आज ख़रीद लेके एक चम्मच चख लिया तो... वाह, ज़बान पर इलायची और दारचीनी की ख़ुशबू हलकी हलकी आती है. ठीक ठाक तो होगा, ठंडी हो तो भी फ़्लेवर चाय तो चाय का ही है, न आइस मिल्क टी का.

अब तो मुझे जानकारी नहीं है कि यह चाय वाला फ़्लेवर जापान के अलावा दूसरे देशों में भी मिलता (मिलेगा) या नहीं...

फिर चाय बोले तो...याद आता है वह चायख़ाना....
अहमदाबाद, शहर के पुराने इलाक़े मिर्ज़ापुर में तीनदरवाज़े के आसपास, "लकी टी स्टॉल".


जब अहमदाबाद में था, होटल के सामने ही वह दुकान खड़ी हुई थी, जहाँ हर सुबह नाश्ता करने और हर रात खाने के बाद चाय की चुसकी लेने जाता था. वहाँ की चाय उनमें से नंबर वन ही मनता हूँ जो चाय मैंने अभी तक पी लीं हैं.
और जब भी ख़ाली हो या बहुत बिज़ी, ओडर से थोड़ी ही देर में तेज़ चाय आती है. मगर हमेशा स्वाद बिल्कुल सही होता है. मतलब, अगर दूसरी दुकान में बिज़ी हो तो ज़्यादा जल्द ही जल्द बनाने से कच्ची बेकार चाय आ सकती है, और ख़ाली हो तो लंबी देर तक बना रखी खड़वी चाय मिल सकती है. ऐसा कभी नहीं हुआ उस दुकान में.