बिना किसी इरादे पे चलता रहेगा ग़ैर-इंडियन के हाथों से. देखते जाइएगा किसी न किसी जगह से जहाँ भी हों. मैं हूँ ना यहीं ,जापान !!!
* * * * * * * * * * * * * * * *कैई बह गये बोतल के इस बन्दपानी में, डूबे जो पैमाने में निकलेना फिर जिन्दगानी में* * * * * * * * * * * * * * * *
...अरे, क्या हुआ यार?…इंजिन ख़राब हो गई है?...चलती रहे तेरी जिंदगी भी...