दिसंबर 19, 2004

शुरूआत तो हो गई ही है, फिर भी...

यूनिवर्सिटी तो छुट्टी में आ गई......

बेकार-सा हो गया तो लगता है कि कुछ नया करूँ.
आज 20घंटे सो गए हुए सोचकर यही मन में निकला

ब्लॉग इन हिंदी!!!

फिर भी, सवाल;
-1....क्या क्या बातें तो हो जाएँ?
-2...किस किस के देखना चाहता हूँ?


नहीं नहीं!!!!
भूल जा, यह तो बाद में पता चलेगा, जास्ट ट्रइ ऍण्ड ट्रइ!

होने दें बकवास, न तो होगा समय का बरबाद.

सबसे पहले तो अपने बारे में.............

पक्के जापानी के रूप में इस धर्ती पे जन्म लिया तोकियो के किनारे,
ख़ुदा जाने 18 साल बाद, बी.ए. हिंदी की पढ़ाई में!
अब इतनी ही तो आ गई है हिंदी भाषा कि इसी समय देख लिया होगा आपने.


चलो,आज तो थक गया कि ज़्यादा टइपिंग करने की आदत नहीं है ....