मार्च 19, 2010

पॉश "कैफ़े राष्ट्र" का अत्याचार?


आप कहाँ कॉफ़ी पीना पसंद करते हैं? मैं घर पे तो अक्सर चाय ही पीता हूँ. मगर जब भी कुछ किताबें एकाग्रता से पढ़ने के लिए कहीं बाहर कॉफ़ी शॉप जाता हूँ तो, कॉफ़ी का इच्छुक हो जाता हूँ (न जाने क्यों, शायद दुकान के अंदर जो खुशबू समाई होती है, इस लिए?).

जैसे अब भारत के हर महानगर के केंद्र में "बरिस्ता" या "कैफ़े कॉफ़ी डे" की शाख़ा कहीं न कहीं एक तो ज़रूर देखने को मिलती है, ऐसी ही कैफ़े बूम जापान में भी इस एक-डेढ़ दशक से ता होती रही है. मेट्रो इलाक़ों में बड़े स्टेशनों के इर्द-गिर्द या उपनगरी शौपिंग कॉम्प्लेक्सों के अंदर तो क्या, अब नगरपालिका ऑफिस, या सरकारी अस्पताल और कॉलेज जैसी सार्वजनिक या अध-सार्वजनिक संस्थाओं की कैंटीनें भी प्राशासनिक-लागत-कटाओ वाले रुझान पर निजीकृत होकर कैफ़े श्रृंखलाओं की शाख़ाओं में तब्दील हो जा रही हैं. और बदलाव कॉफ़ी शॉप की तादाद तक ही सीमित नहीं है, बल्कि उसका अंदाज़ भी थोड़ा-बहुत बदल चुका है. "स्टारबक्स" आदि अंतरराष्ट्रीय कॉफ़ी शॉप श्रृंखलाओं की बहुत सी स्थानीय दुकानें खुल गई हैं, और देशी कंपनियों की कॉफ़ी शॉप श्रृंखलाओं ने भी वही "सियाटल शैली कैफ़े" फॉर्मेट को अपना लिया है.

कॉफ़ी शॉपों में आए इस सर्वत्र "कैफ़ेकरण" का एक अतिरिक्त प्रभाव होता है. वह है इटली अलफ़ाज़, जिसका इस्तेमाल आजकल हर सियाटल शैली कैफ़े के मेनू में बहुत ज़्यादा हो रहा है. इसी अलबेला-किंतु-अनावश्यक "कैफ़े बोली" के चक्कर में मैं कुछ फस रहा था.
मसला तो "कैफ़े-लट्टे" का था. इस प्रकार की कॉफ़ी मेनू में आम तौर पर "सादा कॉफ़ी" और "कैपेचीनो" के दरमियान आती है और दाम-ज़ायक़े की नज़रिए से मुनासिब विकल्प लगती है, इस लिए मैं अक्सर यही मँगाता हूँ. लेकिन, पता नहीं कितनी बार भी ऑर्डर करने के बावजूद, कभी कभी ऑर्डर के वक़्त ग़लत बोला जाता है "कैफ़े-ऑ-ले, प्लीज़". उस फ्रेंच मूल की दूध मिश्रित कॉफ़ी का नाम जापानी भाषा में, और कॉफ़ी शॉप मेनू की शब्दावली में (कम से कम कैफ़े-लट्टे के मुक़ाबले) काफ़ी अरसे से आम लफ़्ज़ होता रहा है, और बोलने में भी मुझे कहीं आसान लगता है.

ज़्यादातर कैफ़े वाले भाई-दीदियाँ तो उनकी कार्यवश कृपालुता से मेरे ग़लत कैफ़े-ऑ-ले ऑर्डर को नज़रंदाज़ कर ठीक से कैफ़े-लट्टे का ऑर्डर प्राप्त कर लेते हैं. लेकिन कभी (बहुत कम ही तो है, फिर भी कई बार) कुछ अनाड़ी या विरोधी अंदाज़ में कैफ़े वालों की ऐसी प्रतिक्रयाएँ भी मिल जाती हैं, जैसी कि "सॉरी सर, हमारे मेनू में कैफ़े-ऑ-ले नहीं होता, मगर कैफ़े-लट्टे तो है. ठीक है?"
कैफ़े-लट्टे या -ऑ ले, ये दोनों का मूल शब्दार्थ एक जैसा ही मैं समझ रखा था, यानी "कॉफ़ी और/के साथ दूध". इससे आगे दोनों प्रकार की कॉफ़ियों के बीच, आख़िर क्या फ़र्क़ पड़ता है? मैंने इस बात पर बिल्कुल ध्यान नहीं दिया था. और इसी अनजानी में ऊपर जैसे कैफ़े वालों के जवाब से कहीं चिढ़ भी महसूस हो जाती थी.
लेकिन हाल ही में एक दोस्त ने बताया कि कैफ़े-लट्टे के लिए विशेष यंत्र द्वारा ब्रूड की जाने वाली बहुत गाढ़ी एस्प्रेसो कॉफ़ी और स्टीम्ड दूध का इस्तेमाल होता है, जहाँ कैफ़े-ऑ-ले के लिए ड्रिप्ड कॉफ़ी और सादा गर्म दूध का इस्तेमाल होता है. आख़िर कैफ़े-ऑ-ले और -लट्टे दोनों का बड़ा अंतर तो मेरे समझ में आ गया है ही.

...फिर भी कुछ सवाल रह जाता तो है कि "जिस कैफ़े के मेनू में कैफ़े-लट्टे ही है, वहीं कैफ़े-ऑ-ले का ऑर्डर ग़लती से देना इतना बड़ा पाप है?"

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